• बादल द्वारा किसानों को अपनी आमदन बढ़ाने के लिए मछली पालन, सूअर पालन, और डेयरी जैसे कृषि सहायक व्यवसायों को अपनाने पर जोर
• मुख्यमंत्री द्वारा सेमग्रस्त क्षेत्रों में मछली पालन को उत्साहित करने की जरूरत पर जोर
• राज्य में कृषि विभिन्नता के अन्तर्गत्त दालों का डायरैक्टोरेट होगा स्थापत
चंडीगढ़, 1 अक्तूबर: पंजाब के किसानों को रिवायती धान की बिजाई से हटाकर मक्की की काशत की तरफ एक बदली फसल के रूप में राज्य के कृषि विभिन्नता प्रोग्राम तहत उत्साहित करने के लिए अहिम कोशिस करते हुए पंजाब के मुख्यमंतरी स. प्रकाश सिंह बादल ने आज कंट्रेक्ट फारमिंग एक्ट बनाने को हरी झंडी दे दी है।
आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अधयक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने इस एक्ट को बनाने का रस्ता साफ करते हुए कहा कि इस एक्ट से मक्की की बीजाई करने वालो और मक्की के उत्पादन से जुड़े निवेशकारों को भारी फायदा होगा। मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों को कंट्रेक्ट फार्मिन्ग के लिए मक्की को नोटीफाई करने की रस्मों को जल्दी से जल्दी पूरा करने के आदेश दिए ताकि धान से मक्की की तबदीली बिना किसे देरी के लाई जा सके।
मक्की के सीधे मंडीकरण की जरुरत पर जोर देते हुए स. बादल ने कृषि विभाग को ए पी एम सी एक्ट में आवश्य• तबदीली करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस से कृषि पर आधारित आर्थिकता को मज़बूती के साथ साथ राज्य के किसानों की आर्थिक हालत भी सुधरेगी। मुख्यमंत्री कृषि विभाग के अधिकरियों को मक्की की काश्त के लिए मुहैया करवाये जाने वाले अधिक पैदावर वाले बढिय़ा बीज़ों, कीटनाशकों और नदीननाशकों को रियायती दरों पर उपलब्ध करवाने के आदेश दिए ताकि राज्य में मक्की की काशत को उत्साहित किया जा सके। स. बादल ने मक्की की काशत के लिए उच्च स्तरीय तकनीकी मशीनों को 25 प्रतिशत छूट पर दिए जाने के निर्देश देते कहा कि इससे राज्य के अधिक किसान मक्की की काश्त की तरफ आकर्षित होंगे जिससे बेशकीमती कुदरती स्त्रोत जिसमें मिट्टी और भू-जल पानी शामिल है, पर भार कम किया जा सकेगा। मक्की की आसान और तेज़ मंडीकरण के लिए पंजाब राज वेयर हाउसिंग एजेंसी नियुक्त करते हुए स. बादल ने उसको मक्की के लिए वैज्ञानिक स्तर पर भंडारन सुविधांए उपलब्ध करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कृषि विभाग को स्वीकर्त मंडीओं को अति आधुनिक मक्की के डरायर लगाने के निर्देश दिए।
स. बादल ने राज्य में कपास की, गन्ने की पैदावार को उत्साहित करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि संकट में फंसी किरसानी को राहत प्रदान की जा सके। राज्य में फसली विभिन्नता के यत्नों को और तेज करने के लिए कृषि विभाग को कहा कि बठिंडा एवं होशियारपुर के साथ लगते क्षेत्रों में कपास एवं मक्की की काशत को उत्साहित करने के लिए ठोस •दम उठाने के लिए इन दोनों जिलों में स्टेशन ज्वांईट डायरैक्टर की स्थायी तौर पर तैनाती की जाये। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिए ताकि राज्य में दालों का डायरैक्टोरेट स्थापित किया जाये जिससे फसली विभिन्नता प्रोग्राम तहत किसानों को दालों की बड़े स्तर पर काश्त करने के लिए प्रेरित किया जा सके। राज्य में एग्रो-फॉरेस्ट्री के संकल्प को प्रचलित करने के उद्धेश्य से मु यमंत्री ने कहा कि पंजाब मे एक विश्व स्तरीय राज्य वन अनुसंधान और विस्तार केन्द्र कायम किया जाएगा जो कि-वन की विस्तरित खोज करने के साथ-साथ किसानों को वैज्ञानिक आधार पर पापुलर जैसे वृक्ष के पौधे लगाने के लिए तकनीकी जानकारी देगा।
कृषि क्षेत्र में सहायक व्यवसायों के महत्व का जिकर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय किसानों को सूअर और बकरी पालन जैसे व्यवसाय अपनाने के लिए उत्साहित करना चाहिए जिनसे उनकी आमदनी में बढ़ौतरी हो सके। इस उद्धेश्य को हासिल करने के लिए पशुपालन विभाग को आदेश दिए कि सूअर एवं मछली पालन के क्षेत्र में माहिर आधिकारी नियुक्त किए जांए। उन्होंने घोषणा की कि 10 करोड़ रुपये की लागत से पटियाला और धालीवाल जिला गुरदासपुर में दो डेयरी प्रशिक्षण एवं विस्तार केन्द्र स्थापित किए जांएगे जिनसे दुध उत्पादक को वैज्ञानि• प्रशिक्षण उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे उनकी आमदनी में बढ़ौतरी हो सके। स. बादल ने यह भी कहा कि दुध उत्पादकों की सुविधा के लिए एग्रो सर्विस सैंटरों की तर्ज पर राज्य भर में डेयरी सर्विस सैंटर खोल जांएगे।
बैठक में उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में मुख्य संसदीय सचिव स. गुरबचन सिंह बब्बेहाली, पंजाब के किसान कमिशन के चेयरमैन डा. जी एस पायलट, वित्त कमिशनर विकास श्री जी एस संधू, वित्त कमिशनर सहिकारता श्री विश्वजीत खन्ना, मुख्य मंत्री के विशेष प्रमुख सचिव श्री के जे एस चीमा और श्री गगनदीप सिंह बराड़, मारकफैड के एम डी डा. कर्मजीत सिंह सरा, कृषि विभाग के सलाहकार और मिलकफैड के एम डी डा. बलविंदर सिंह संधू, पंजाब राज मंडी बोर्ड के डायरैक्टर स. महिन्द्र सिंह कैंथ और कृषि विभाग के डायरैक्टर श्री मंगल सिंह ढिल्लों उपस्थित थे।
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