Tuesday 9 October 2012

शिरोमणि अकाली दल द्वारा दिल्ली सिक्ख गुरूद्वारा कानून 1971 में संशोधन का विरोध



  • कांग्रेस दिल्ली के गुरूद्वारों में सरना भाईयों  का गैर कानूनी कब्जा रखने के लिए चुनाव भंग करने की कर रही है कोशिश। 
  • कांग्रेस की कार्यवाही को सिक्खों के आंतरिक मामलों में सीधा दखल ऐलाना।

चंडीगढ़, 9 अक्तूबर - शिरोमणि अकाली दल ने आज दिल्ली की कांग्रेस सरकार द्वारा सिक्ख गुरूद्वारा कानून 1971 में संशोधन करके दिल्ली गुरूद्वारा प्रंबधक कमेटी का कार्यकाल दो वर्ष से बढाकर चार वर्ष कर करने और कमेटी की प्रधान की सीधी चुनाव करने की कार्यवाही को अदालत के आदेशों अनुसार 31 दिसंबर 2012 से पहले होने वाले चुनाव को रदद करने के लिए उठाया गया एक गैर  जरूरी कदम ऐलान करते हुये इसका स त विरोध किया है शिरोमणि अकाली दल ने इस कार्यवाही को कांग्रेस पार्टी द्वारा सिक्खों के भीतरी मामलों पर सीधी दखल अंदाजी करते कांग्रेस को चेतावनी दी है कि वह सिक्खों के  जजबातों के साथ खिलवाड करने से बाज आ जाए।
        आज यहां जारी एक बयान द्वारा शिरोमणि अकाली दल के प्रधान स. सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि कांगे्रस द्वारा अंदरूनी की गई इस कार्यवाही के तथ्यों पर रोशनी डालते हुये की कि कांग्रेस पार्टी को पूरा विश्वास है कि उसके इशारों पर चलने वाले सरना भाई दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावो में पूरी तरह व्यस्त रहेगें व इसलिए कांग्रेस चाहती है कि किसी न किसी तरह कानून के साथ खिलवाड करके सरना भाईयों को दिल्ली गुरूद्वारा प्रंबधक कमेटी पर कब्जा रखा जाए स. बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल बार बार केन्द्रीय गृह मंत्रालय को विनती कर चुका है कि दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव शीघ्र अति शीघ्र करवाए जाए क्योकि सरना भाई सारे नियमों को एक तरफ रख कर गुरू घर की गोलके लूट रहे है।
शिरोमणि अकाली दल प्रधान ने कहा कि दिल्ली के गुरूद्वारा के धार्मिक व वित्तीय मामलों का प्रंबध पूरी तरह गडबडा गया हेै व गुरूद्वारा साहिब की जायदाद की हो रही बेकदरी से दिल्ली के सिक्ख स त नाराज है। स. बादल ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा बहाने बाजी  तहत दिल्ली गुरूद्वारा पं्रबधक कमेटी के चुनाव बार बार आगे करने से आखिरकार दिल्ली हाई कोर्ट को इस मामले पर दखल देना पडा व अदालत ने गृह मंत्रालय को यह चुनाव 31 दिसंबर से पहले करवाने के आदेश दिये। स. बादल ने कहा कि इन चुनावों में सरना भाईयों के होने वाले हश्रर को सामने रखते हुये श्रीमती शीला दीक्षित की सरकार उनके बचाव के लिए सामने आ रही है।
        दिल्ली गुरूद्वारा प्रंबधक कमेटी के प्रधान की सीधी चुनाव के लिए कानून में प्रस्तावित शोध का विरोध करते स. बादल ने कहा कि पंचायत,जिला परिषद, नगर कमेटिया,नगर निगम, विधान सभा और लोक सभा जैसे लोकतंत्र संस्थाओं के नेताओं का चुनाव बहुमत द्वारा किया जाता है और दिल्ली गुरूद्वारा पं्रबधक कमेटी को चुनाव के लिए इस जमुहरी रिवायत से अलग करके ऐसा प्रधान का चुनाव नही किया जा सकता जिसको बहुमत मै बरों की समर्थन न हो। उन्होने कहा कि यह शोध देश के संविधान की जमहुरी विचार धारा के विरूद्ध है व कांग्रेस सरकार को इसकी इजाजत नही दी जाएगी कि वह अपने मित्रों को सिक्खों की धार्मिक संस्थाओं पर कब्जा करा दे।
        स.सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह मु यमंत्री पंजाब स. प्रकाश सिंह बादल शिरोमणि अकाली दल के संसद सदस्यों व अपने एन डी ए भाईवाला के साथ जल्दी ही प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह व केन्द्रीय गृह मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे को मिलकर अपील करेगें कि वह  स ती से श्रीमती शीला दीक्षित की इस गुस्ताखी को रोकने व अदालते के आदेशों अनुसार 31 दिसंबर 2012 से पहले इन चुनावों को विश्वसनीय बनाए  स. बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और एन डी ए के भाईवालों को साथ लेकर नई दिल्ली पर धरना देकर  कांग्रेस पार्टी पर चलाई जा रही सिक् ा विरोधी मुहिम का पर्दाफाश करेगें।
        कांग्रेस पार्टी द्वारा आजादी से लेकर अब तक सिक्खों के भीतरी मामलों पर की जाती दखल अंदाजी का जिक्र करते हुये स. बादल ने कहा कि कांग्रेस द्वारा चलाई गई घिन्नोनी चालों का पंजाब के लोगों व विशेष कर सिक्खों ने बडी कीमत चुकाई है। स. बादल ने कहा कि गुजरात व हिमाचल प्रदेश चुनावों में मुकमल सफाये के डर से कांग्रेस पार्टी इस की सियासी प्रयोगशाला द्वारा तैयार की गई योजना तहत सिक्ख कौम को बदनाम करने पर तुली हुई है। उन्होने कहा कि कांग्रेस द्वारा अचानक उठाये जा रहे मुददे जिनमें श्री हरमिंदर साहिब , अमृतसर में बनने वाली यादगार का मुददा, आंतकवाद पुन उभरने का खौफ आदि कांग्रेस की वोट राजनीति का ही हिस्सा है जिसके बल से वह चुनाव दौरान हिंदु भाईचारे के मनों में डर पैदा करके सियासी लाभ लेना चाहती है। स. बादल ने कहा कि सिक्खों को कांग्रसे से किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नही बल्कि नही यह तो सारा देश जानता है कि देश की आजादी की लडाई में कीमती जाने कुर्बान करने वालों में 80 प्रतिशत सिक्ख थे। उन्होने कहा कि अब वोटर बहुत सूझबान हो गये है तथा वह जानते है कि कांग्रेस पार्टी दशक तक पंजाब में आंतकवाद के नाम पर अपनी रोटिया सेंकती रही है व सिक्ख कांग्रेस पार्टी को कभी भी इजजात नही देगें कि कांग्रेस पार्टी  उनके भीतरी मामलों में दखल अंदाजी करें।
        इसी दौरान पंजाब के मु यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल इस मामले में प्रमुख सियासी नेताओं व कानूनी माहिरों के साथ बातचीत कर रहे है  ताकि भविष्य की रणनीति तय की जा सकें।

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