Friday 19 October 2012

ईजरायली राजदूत द्वारा पंजाब को कृषि विविधधता के लिए तकनीकी सहायता देने का भरोसा



  • मार्च, 2013 में किन्नुओं और सब्जियों के लिए उच्च दर्जे के दो केन्द्र चालू हो जाएंगें

चण्डीगढ़, 19 अक्तूबर : पंजाब सरकार  द्वारा इण्डो-ईजरायल भागेदारी के तहत सब्जियों और किन्नुओं के उच्च दर्जे के दो केन्द्र (सैंटर ऑफ एक्सीलैंस) बनाये जा रहे हैं जो मार्च 2013 को चालू हो जाएंगें।
  यह घोषणा पंजाब के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने ईजरायल के राजदूत श्री एलोन उसपिज़ से एक बैठक के
दौरान की जो विशेषज्ञों के एक दल के साथ यहां पंजाब भवन में गत सायं उनको मिले। स. बादल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जालन्धर जिले में करतारपुर में 9.73 करोंड़ की लागत से सब्जियों के लिए उच्च दर्जे का केन्द्र और जिला होशियारपुर में खनौरा में किन्नुओं के लिए एक उच्च स्तर का केन्द्र 10.39 करोड़ रूपये की लागत से स्थापित करने के लिए प्रक्रिया तेज़ की गई है।
  स. बादल ने इजरायली राजदूत को बताया कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है। पंजाब के पास देश की कुल भूमि का दो प्रतिशत रकबा है परन्तु इसके बावजूद देश के अन्न भण्डार में चावल का 42 प्रतिशत और गेहूं का पच्चास प्रतिशत का बड़ा योगदान डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब पंजाब सरकार ने कृषि विविधतता के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है जिसके तहत धान अधीन रकबा 28 लाख हैक्टेयर से घटाकर सोलह लाख हैक्टेयर किया जायेगा।  साथ ही उन्होंने कहा कि इस बड़े कार्य के लिए आधुनिक कृषि वाले देश जैसे इजरायल से विविधितता के लिए तकनीकी सहायता और विशेषज्ञता की भी जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि डेयरी फार्मिंग, मत्स्य पालन के अतिरिक्त मक्की, फल और सब्जियों के उत्पादन वाले कुछ ऐसे मुख्य क्षेत्र हैं जिसके लिए इजरायल के कृषि विशेषज्ञ हमारे किसानों को तकनीकी सहायता और ठोस जानकारी मुहैया करवा सकते हैं। 
  विचार विमर्श में भाग लेते हुएश्री उसपिज़ ने कहा कि इजरायल और भारत सरकार के बीच बेहतर सम्बन्ध हैं क्योंकि दोनों देशों में इसलिए भी अधिक समीपता है कि वह कृषि आर्थिकता वाले हैं।उन्होंने पंजाब के किसानों की भी भरपूर प्रशंसा की। जिनको दुनियाभर में उनकी सफलताओं के लिए जाना जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री  को भरोसा दिया कि इजरायल के प्रगतिशील किसान एवं विशेषज्ञ पंजाब में कृषि क्षेत्र में हर सम्भव तकनीकी और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान  करेगें। उन्होंने कहा कि इजरायल के कृषि विशेषज्ञ और वातावरण विशलेषक जल के प्रबन्धकीय क्षेत्र के लिए कुछ प्राईवेट कम्पनियों सम्बन्धी भी अपने सुझाव दे सकते हैं जो एक मुख्य मुद्दा है। क्योंकि दल ने इस बात का निरीक्षण किया है कि पंजाब में अधिक पानी वैसे ही जा रहा है। यहां तक की गंदे पानी को भी पुन: इस्तेमाल योगय बनाकर सिंचाई उद्धेश्य के लिए प्रयोग किया जाता है। 
  इजरायल के राजदूत ने आगे बताया कि पंजाब के किसान बहुत गुणवान हैं और इन किसानों को उच्च दर्जे के केन्द्रों द्वारा उन (इजरायल के विशेषज्ञों) की तकनीकी विशेषज्ञता स्वरूप और आधुनिक जानकारी मिल सकेगी। जिससे किसानों को विभिन्न फलों और सब्जियों की नई किस्में हासिल हो सकेंगी। इस बैठक के दौरान कुछ प्रगतिशील किसानों ने भी अपने विचार इजरायली राजदूत से सांझे किये और उनके आगे अधिक झाड़ देने वाले नए बीजों के उपलब्ध न होने, पौधों की बीमारियों और फसल काटने के बाद की समस्याएं रखी। 
  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री उसपिज़ और उनके दल को समूह पंजाबियों द्वारा एक सम्मान चिन्ह भी भेंट किया। 
  बैठक में उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में कैबिनेट मंत्री स. सरवण सिंह फिल्लौर, पंजाब किसान आयोग के चेयरमैन डा. जी एस कालकट, वित्तायुक्त वन श्री डी एस बैंस, वित्तायुक्त विकास श्री जी एस संधू , वित्तायुक्त पशु पालन श्री जगपाल सिंह संधू, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव श्री गुरकीरत कृपाल सिंह, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपति डा. बीएस ढिल्लों, मिल्क फैड के एमडी डा. बलविन्द्र सिंह सिद्दू और निदेशक बागवानी डा. लाजविन्द्र सिंह बराड़ शामिल थे।

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