Saturday 6 October 2012

बादल द्वारा हरित क्रांति वाले क्षेत्रों में कृषि विभिन्नता के लिए 5000 करोड़ रुपये से तकनीकी मिशन चलाने की मांग



  • अनाज की पैदावार में देश को आत्मनिर्भर बनाने में बेमिसाल योगदान के लिए पंजाब के किसानों की प्रशंसा। 
  • आमदन कर और अन्य लाभों के लिए पशु धन को भी कृषि क्षेत्र जैसे अपनाने की मांग। 
  • केंद्रीय कृषि सचिव द्वारा ए पी एम सी एक्ट में शोध करने और कांट्रेक्ट फार्मिंग के लिए कानून बनाने संबंधी राज्य की कोशिशों की प्रशंसा। 
  • एन वी आई यू सी अधीन अमृतसर को भी किया जाएगा शामिल

चंडीगढ़, 6 अक्तूबर - पंजाब के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने आज भारत सरकार को जोर देकर कहा कि पंजाब के किसानों की आर्थिक सुरक्षा और खुशहाली को यकीनी बनाया जाये जिन्होंने अपनी कीमती भूमि और पानी जैसे कुदरती स्त्रोत को दाव पर लगा कर राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 
आज यहां पंजाब में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के सचिव श्री अशीश बहुगुणा की अध्यक्षता में आई एक उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम से हुई एक बैठक दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार को धान एवं गेंहू के फसली चक्कर की बजाये बदली फसलों की पैदावार को उत्साहित करके इस संकटकालीन हालात में किसानों की सुध लेने के लिए आगे आना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति केवल पंजाब की ही नही बल्कि इसको राष्ट्रीय समस्या के रूप में लेना चाहिए। 
राज्य में कृषि विभिन्नता के लिए राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से  बात करने के लिए एक उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम भेजे और केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने अपील की कि राज्य में कृषि विभिन्नता के लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों की एक कमेटी तुरंत कायम की जानी चाहिए। 
स. बादल ने 12वीं पांच वर्षीय योजना के अन्तर्गत्त 5000 करोड़ रुपये देकर हरी क्रांति वाले क्षेत्रों में कृषि विभिन्नता के लिए एक तकनीकी मिशन तुरंत उस तर्ज पर चलाने की जरूरत पर जोर दिया जिस तरह पूर्वी भारत में हरी क्रांति लाने के लिए मिशन शुरू किया गया था। स. बादल ने कृषि विभिन्नता की जरूरत पर बल दिया क्योंकि कुदरती स्त्रोतों को स्थिर रखने और फसलों की घरेलू मांग में आई तबदिलयों से निपटने के लिए बहुत बड़ी जरूरत है। 
कृषि विभिन्नता प्रोग्राम की जानकारी देते मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने राज्यमें आगामी 6 वर्षो में धान की बिजाई 28 लाख हैक्टयर रकबे  को पड़ाववार कम करके 16 लाख हैक्टयर करने का लक्ष्य रखा है। इस फलस्वरूप धान की बिजाई से मुक्त होने वाला रकबा बदली फसलों जैसे मंक्की, कपास, गन्ना, चारा, एग्रो फोरस्टरी और दालें, फल एवं सब्जियां अधीन लाने की योजना बनाई गई है। 
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को कहा कि बदली फसलों मुख्य रूप से मक्की का कम से कम समर्थन मूल्य निश्चित करने के साथ-साथ मंडीकरण के लिए सख्त इंतजाम किए जांए क्योंकि पंजाब सरकार मक्की उत्पादन क्षेत्र 1.5 लाख हैक्टयर से बढ़ाकर 5.5 लाख हैक्टयर करने के लिए गंभीर विचार कर रही है। स. बादल ने केंद्र सरकार को कहा कि भारत सरकार पैट्रोल में ईथानोल मिलाने वाली निर्धारित नीति पर पून: विचार करे ताकि मक्की को तैयार किये जाने वाले ईथानोल को उत्साहित किया जा सके। उन्होंने फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय को मक्की प्रोसेसिंग उद्योग राज्यमें लगाने के लिए उत्साहित करने के लिए पहलकदमी करने के लिए कहा ताकि किसानों को उनकी फसल का बढिय़ा भाव मिल सके। 
मुख्यमंत्री  ने कृषि विभिन्नता को उत्साहित करने के लिए केंद्रीय टीम से अपील की कि  कॉटन कार्पोरेशन ऑफ इंडिया को राज्यभर में 45 कपास मंडीयों में समर्थन मूल्य पर कपास प्रमुख तौर पर खरीदने के लिए कहा जाये। स. बादल ने नाबार्ड द्वारा लंबी अवधि वाले बैंक कर्जे रियायती दरों पर देने की अपील की और उन्होंने कहा कि यह उच्च स्तरीय लकड़ी व्यापार को स्थापित करने के लिए आज रियायते देने की भी जरूरत है। 
कृषि विभिन्नता के लिए पशुधन को उत्साहित करने की जरूरत पर जोर देते हुए स. बादल ने कहा कि इससे किसानों की आमदनी में बढौतरी संभव है। स. बादल ने डेयरी, सूअर पालन, बकरी पालन, मछली पालन और मुर्गी पालन जैसे सहायक व्यवसायों को कृषि की तरह ही लाभ की अपील  करते हुए कहा कि इन्कम टैक्स से राहत और कम व्याज दरों के साथ साथ अन्य लाभो से लोगों में इन सहायक व्यवसायों की तरफ आकर्षण पैदा किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि कृषि क्षेत्र को मिलने वाली क्रेडिट कार्ड सुविधा डेयरी, सूअर पालन, बकरी पालन, मछली पालन और मुर्गी पालन को भी मिलनी चाहिए। इसी तरह उन्होंने अमृतसर में पशुधन स्टेशन बनाने की भी अपील की। 
मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में कृषि विभिन्नता को उत्साहित करने के उठाये गये कदमों की श्री बहुगुणा ने राज्य सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने भारत सरकार द्वारा इस मुहिम को कामयाब बनाने के लिए हर संभव मदद देने का भरोसा दिया। श्री बहुगुणा ने एक अह्म घोषणा करते हुए अमृतसर को नेशनल वैजीटेबल फॉर अर्बन कलस्टर्ज तहत लाने का भी एलान किया। केंद्रीय     कृ षि सचिव ने सूअर पालन और बकरी पाल को सहायता देने के लिए उसको नेशनल मिशन फॉर प्रोटीन सप्लीमैंट अधीन लाने का भी भरोसा दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को यह भी जानकारी दी कि राज्य में कपास के कच्चे माल की प्रोसेेसिंग के लिए टैक्सटाईल मंत्रालय में वे अपने सहयोगीयों से पंजाब में अधिक टैक्सटाईल पार्क स्थापित करने के लिए बात करेंगे। 
केंद्रीय टीम में मुख्य सदस्यों में संयुक्त सचिव श्री मुकेश ख्ुाल्लर, संयुक्त सचिव फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज श्री जे पी मीना, संयुक्त सचिव राष्ट्रीय बागवानी मिशन श्री संजीव चौपड़ा, कमिशनर पशु पालन श्री ए एस नंदा, एम डी नाफैड श्री राजीव गुप्ता और निदेशक नेशनल सैंटर ऑफ एग्रीक्लचर रिसर्च एंड पॉलिसी डॉ. रमेश चंद्र शामिल थे। 
बैठक में राज्य सरकार द्वारा के बिनेट मंत्री स. सरवण सिंह फिल्लौर, मुख्य संसदीय सचिव श्री गुरबचन सिंह बब्बेहाली, पंजाब किसान कमिशन के चेयरमैन डॉ. जी एस कालकट, वित्त आयुक्त विकास श्री जी एस संधू, वित्त कमिशनर पशु पालन श्री जगपाल सिंह संधू, सचिव फूड प्रोसेसिंग श्री डी एस गरेवाल, मुख्य मंत्री के विशेष प्रमुख सचिव श्री गगनदीप सिंह बराड़, गढ़वासू के उप कुलपति डा. वी के तनेजा, कृषि सलाहकार एवं एम डी मिल्कफैड डॉ बलविंदर सिंह सिद्धू, एम डी पंजाब एग्रो श्री के डी एस भूल्लर, सचिव मंडी बोर्ड श्री एम एस कैंथ और निदेशक डॉ. मंगल सिंह संधू मुख्य तौर पर उपस्थित थे। 

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