Sunday 7 October 2012

शिरोमणि अकाली दल द्वारा दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार द्वारा 1984 सिक्ख कत्लेआम के दोषी किशोरी लाल को माफ करने की सिफारिश की जोरदार आलोचना


चंडीगढ़, 5 अक्तूबर - शिरोमणि अकाली दल ने कांग्रेसपार्टी की दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार द्वारा 1984 सिक्ख कत्लेआम दौरान 7 मासूम व निर्दोष व्यक्तियों का बेरहमी के साथ कत्ल करने के दोषी ठहराये गये किशोरी लाल को माफी देने की गई सिफारिश पर रोष एवं हैरानी प्रकट की है व कहा है कि इस कार्यवाही के साथ एक बार फिर से सिक्ख भाईचारे की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
        यहां यह वर्णनीय है कि किशोरी लाल को उपरोक्त मामलों में फांसी की तीन बार सजा सुनाई गई थी व सुप्रीम कोर्ट ने तीनों की केसों में फांसी की सजा को उमरकैद में तबदील कर दिया था। शीला दीक्षित सरकार ने पहले एक केस में उम्र कैद की सज़ा माफ करने की सिफारिश की थी पर उसको बाकी दो सजाओं के कारण रिहा नही किया जा सका था। इस बार कांग्रेस सरकारने सभी हद पार करते हुए उसकी दो मामलों में उसकी सजा माफ करने की सिफारिश दिल् ली के लेफिटनैट गर्वनर को की है।
        यहां पार्टी के मु य कार्यालय से जारी किए एक बयान में पार्टी के सचिव व प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 1984 में दुनिया को हिला देने वाली सिक्ख कत्लेआम के दोषियों को दिलाने के लिए बाकी केसों की पैरवी करने की जगह उन दोषियों को रिहा करने के लिए उतावली हुई है जिनको अदालतों ने दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ऐसे घिनौने अपराध करने वालों व कांग्रेस पार्टी के मध्य एक बार फिर से सांठगांठ उजागर हुई है।
        डॉ चीमा ने आगे कहा कि यह सिफरिश उस समय की गई पूरा देश सज्जन कुमार और जगदीश टाईटलर जैसे उन दोषियों को स त से स त सजा देने की मांग कर रहा है जिन्होंने 1984 में मासूम व निर्दोष सिक्खों व उनके बच्चों का कत्लेआम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बहुत ही गैर जि मेवाराना, गैर कानूनी, गैर सवैंधानिक व बेरहमी रवैये के साथ काम कर रही है। दिल्ली सरकार के इस कदम से पूरे देश को हैरानी में डाल दिया है।
 शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के ले$िफ गर्वनर को अपील की कि शीला दीक्षित सरकार की सिफारिश को तुरंत रद्द कर दें व दोषियों को माननीय अदालतों द्वारा दी गई सज़ा के अंतिम दिन तक जेल में बंद रहने को विश्वसनीय बनायें।

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