Friday 12 October 2012

पंजाब वर्ष 2013 तक बिजली की बहुतायत वाला देश का पहला राज्य होगा- सुखबीर सिंह बादल



  • कांग्रेस शासन काल दौरान पैदा हुई 6591 मैगावाट बिजली के मुकाबले 14487 मैगावाट होगी बिजली पैदा। 
  • बिजली की बहुतायत उपरान्त लोगों को सस्ती बिजली देने का लक्ष्य। 
  • अन्य राज्यों और यदि स्वीकृति मिली तो पाकिस्तान को बिजली बरामद करने की योजना। 
  • झारखण्ड में कोयले की खानों के नजदीक एक अन्य थर्मल प्लांट स्थापित करने की योजना। 
  • पंजाब के अन्दर बिजली के वितरण के लिए चार सौ  के.वी. रिंग मेन व्यवस्था पहला राज्य बनेगा। 
  • समूचे बिजली नैटवर्क की जीआईएस मैपिंग शुरू करने की तैयारियां

चण्डीगढ़ 12 अक्तूबर : पंजाब वर्ष 2013 में देश का पहला बिजली बहुतायत वाला राज्य बनने के लिए पूरी तरह तैयार है और राज्य के अन्दर शिरोमणि अकाली दल- भाजपा सरकार द्वारा 2007 में कार्यभार संभालते समय पैदा हुई  6591 मैगावाट बिजली के मुकाबले अगले वर्ष के अन्त तक 14487 मैगावाट बिजली पैदा
होगी। 
  आज यहां कंफैडरेशन ऑफ इण्डियन इंडस्ट्रीज़ द्वारा उत्तरी क्षेत्र में बिजली सुधारों के विषय पर करवाई गई एक कांफ्रैंस का उद्घाटन करते हुए पंजाब के उप मुख्यमंत्री स. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हमारी सरकार ने बिजली उत्पादन के लक्ष्य को प्रशासन के सबसे महत्वपूर्ण कार्य के रूप  में चुना है। उन्होंने खेद प्रकट किया कि अब देश के अन्दर महसूस की जा रही बिजली की कमी को पूरा करने के लिए कम से कम चालीस वर्ष पहले ही तैयारियां की जानी चाहिए थी। परन्तु हमारी मुख्य योजनाकारों के बिजली के भविष्य पर अधिक मांग को गंभीरता के साथ विचारने में असफल रहने के कारण हमें पुन: बिजली की कमी के दौर में रहने की आदत जैसी पड़ गई थी। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष पहले जब उन्होंने पंजाब को बिजली की बहुतायत वाला राज्य बनाने क े एलान किया था तब उनके एलान को मजाक के तोैर पर लिया गया था। परन्तु अब उन्होंने समूची दुनिया  को दिखा दिया है  यदि इरादा दृढ़ हो तो  असम्भव भी सम्भव हो सकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के अन्त तक पंजाब का भाखड़ा ब्यास प्रबन्धकीय बोर्ड हिस्से में 8816 मैगावाट, केन्द्रीय क्षेत्र के प्रोजैक्टों में 355 मैगावाट, अल्ट्रा मैगा प्रोजैक्टों में 1033 मैगावाट, दामोदर वैली प्रोजैक्ट में 647 मैगावाट और नवीनीकरण ऊर्जा क्षेत्र में 436 मैगावाट हिस्से सहित पंजाब की अपनी ही बिजली उत्पादन समर्था होगी। 
  पंजाब का अगले तीस वर्षों के लिए बिजली की बहुतायत वाला रूतबा वरकरार रखने का भरोसा दिलाया। स. बादल ने कहा कि यह बिजली की बहुतायत वाला इसी व्यवस्था के साथ पूरी तरह सन्तुष्ट नहीं है और भविष्य के लिए तैयारियां आरम्भ कर दी हैं। स. बादल ने बताया कि पंजाब झारखण्ड में राज्य सरकार की कोयले की खानों के  नजदीक अपना थर्मल प्लांट लगाने के लिए पूरी तैयारी कर चुका है और नवीनीकरण ऊर्जा क्षेत्र विशेषकरके कृषि व्यर्थ पदार्थ  से बिजली पैदा करने के क्षेत्र में ओर अधिक निवेश की सम्भावनाओं का पता लगा रहा है।  उन्होंनेे बताया कि 206 मेैगावाट के शाहपुर कण्डी प्रोजैक्ट का कार्य पहले ही शुरू हो चुका है और 18 मैगावाट का मुकेरियां हाईडल पड़ाव-2 मार्च 2013 में शुरू हो जायेगा।
  उन्होंने कहा कि बिजली की बहुतायत वाला राज्य बनने के उपरान्त हमारा निशाना देश के अन्दर बिजली का सबसे सस्ता स्रोत बनना है और हम अन्य राज्यों और यदि केन्द्र सरकार ने स्वीकृति दी तो पाकिस्तान को भी बिजली बरामद करेंगें। उन्होंनें कहा कि वह शीघ्र ही पाकिस्तान जा रहे हैं और पाकिस्तान को बिजली बरामद करने की संभावनाओं का पता लगाएंगें। 
  कोयले के आरक्षण भण्डारों में तेेजी के साथ आ रही कमी पर चिन्ता प्रकट करते हुए स. बादल ने कहा कि समय  आ गया है कि देश अपनी मुकम्मल हाईडल बिजली समर्था का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि इस समय केवल 20 प्रतिशत हाईडल समर्था को ही प्रयोग में लाया जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार पाकिस्तान द्वारा ईरान और कजाकीस्तान से उत्तरी राज्यों क ो गैस पाईप लाईन बिछाने के लिए पहलकदमी करे और भरोसा प्रकट किया कि  इस व्यवस्था साथ समूचे देश के बिजली संकट को दूर किया जा सकता है।
  राज्य के बिजली के ट्रांस्मिशन और वितरण नैटवर्क की मजबूती की बात करते हुए स. बादल ने कहा कि पंजाब द्वारा राज्य की बिजली उत्पादन समर्था बढ़ाने के अतिरिक्त ट्रांस्मिशन और वितरण व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए 39 करोड़ रूपये खर्चे जा रहे हैं। इनमें 49705 मै.वी.ए., समर्था सहित 1003 ग्रिड सब-स्टेशनों का निर्माण और 22216 कि.मी. ट्रांस्मिशन लाईने बिछाना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बिजली खप्तकारों की मौजूदा गिनती 63.73 लाख है और इससे अधिक 97.33 लाख हो जाने की संभावना है। परन्तु हमने भविष्य में चुनौतियों के लिए पहले ही तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि आगामी दो वर्षों के दोैरान कुल कुनैक्टिड लोड दुगना हो जायेगा और पंजाब सरकार ने बिजली के मीटर घरों से बाहर निकाल कर ट्रांस्मिशन और वितरण नुकसान को नम्बर 22.53 प्रतिशत से घटाकर 17.7 प्रतिशत कर लिया है और पिछले दो वर्षों दोैरान इसको 14.75 प्रतिशत  तक नीचे लाने का लक्ष्य है। 
  उन्होनें राज्य के अन्दर विश्व स्तरीय पावर सप्लाई व्यवस्था का भरोसा देते हुए कहा कि पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां चार सौ के.वी. रिंग मेन व्यवस्था के साथ साथ सभी 132 के.वी. और 220 के.वी. सब- स्टेशनों की जी.आई.एस. में मैपिंग होगी।
  नवीनीकरण ऊर्जाकी बात करते हुए स. बादल ने कहा कि पंजाब का बायोमास क्षेत्र में 500 मैगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य है और इसका दुगना लाभ यह होगा की इसके साथ किसानों को उनकी खेंती व्यर्थ पदार्थ से प्रति एकड चार हजार रूपये तक की अधिक आमदन हो सकेगी।उन्होने कहा कि पंजाब नये निवेशकों को उत्साहित करने के लिए अपनी नई सौर उर्जा नीति ला रहा है। उन्होने बताया कि लोगों को सी एफ एल के लिए बिजली बचाने के अतिरिक्त पंजाब राज्य के सभी 142 शहरों के अंदर एल ई डी स्ट्रीट लाईटे लगाने के लिए एसको माडल बनाया हैं।
इस मौके अन्य के अतिरिक्त हरियाणा के बिजली मंत्री केैप्टन अजै सिंह यादव, श्री देवासीश मजूमदार, चेयरमैन बिजली सुधार और नवीनीकरण उर्जा क्षेत्र कमेटी ,श्री परवीर सिन्हा, कांफ्रैस चेयरमैन और सह -चेयरमैन, बिजली सुधार और नवीनीकरण उर्जा क्षेत्र कमेटी और श्री डी एल शर्मा,वाईस चेयरमैन ,सी आई आई पंजाब स्टेट कैसिल और डायरैक्टर वर्धमान टैक्सटाईल लि. प्रमुख तौर से उपस्थित थे।

No comments:

Post a Comment